Wednesday, December 30, 2009

वे क्षण जो जीने का सबब बन जाते हैं (२)



हर साल की तरह इस बार भी २५ दिसम्बर की रात, हाथो मे एक किताब लिये एफ़.एम.पर 'पुरानी जींस' प्रोग्राम में बेहतरीन गाने सुन रही थी.और निगाहे बार बार घडी की तरफ़ चली जाती...मन ये भी सोच रहा था,इस बार का सर्प्राइज़ तो पहले से पता है,वही बारह बजते ही केक लेकर आयेगे सब...बारह बजते ही सबसे पहला मैसेज़ एक ऐसे फ्रेंड का आया जिससे पिछले चार पांच महिने से सम्पर्क टूट सा गया था.मुझे चिढाने को,उसके हर मैसेज़ के अन्त मे होता है (वो महाराष्ट्रियन है) ’जय महाराष्ट्र" आज था "जय महाराष्ट्र" "जय बिहार" .मै मैसेज पढने और कॉल अटेंड करने में ही लगी थी कि किंजल्क ने पीछे से एक बड़ी फ़ाइल जैसी चीज़ सामने रख दी.हैरान रह गयी देखकर अलग अलग अवसरों पर ली गयी मेरी तस्वीरों से सजा एक स्क्रेपबुक था...और सबसे सुखद आश्चर्य हुआ सहेलियों द्वारा मेरे ऊपर लिखे आलेख देख..किंजल्क ने बताया पिछले एक हफ्ते से इसकी तैयारी चल रही थी.उसने मेरी सहेलियों से संपर्क किया और उन सबने भी बड़े उत्साह से उसका साथ दिया,और बड़े प्यारे testimonials लिख डाले.राज़ी ने सबके आलेख एक जगह इकट्ठे कर किंजल्क को मेल कर दिए.पर तस्वीरों के लिए किंजल्क परेशान था,क्यूंकि मेरा नया वाला लैपटॉप अभी तक ठीक होकर नहीं आया है.वैशाली ने तस्वीरें चुन चुन कर 'पेन ड्राइव' में डाल किंजल्क को दिए क्यूंकि मेरा नया वाला लैपटॉप अभी तक ठीक होकर नहीं आया और सारी तस्वीरें उसी में हैं. (इस पुराने वाले में कई ब्लोग्स नहीं खुलते.जाने कितने मित्र नाराज़ होंगे कि मैं उनकी पोस्ट नहीं पढ़ती) पर मेरे आस पास इतना कुछ होता रहा और मुझे खबर तक नहीं हुई.किंजल्क ने टेस्ट का बहाना बनाया था और देर रात तक जगा रहता.उसकी हमेशा से देर रात में पढने की आदत है,इसलिए मुझे शक भी नहीं हुआ.और वो छुप छुप कर ये स्क्रेपबुक डेकोरेट करता रहा.दिन में भी उसने अपने छोटे भाई से झूठ मूठ का झगडा कर लिया और जब मैंने डांटा तो मुहँ फुला कर अपने कमरे में चला गया ताकि मैं उस से नाराज़ रहूँ.और बार बार ना बुलाऊं और वो शांति से इसे फिनिशिंग टच दे सके..बहुत ही खूबसूरती से स्केच पेन,क्रेयोन्स,लेस की सहायता से सजाया था.सबके आलेख भी रंग बिरंगे अक्षरों में लिखे थे.इसके बर्थडे में बारिश में भीग भीग कर जो शौपिंग करती थी ( बर्थडे ५ जुलाई होने के कारण)अब सब सूद समेत वापस हो रहें थे. कनिष्क का लिखा पढ़,हम देर तक हँसते रहें.उसने मेरी डांट और मार का भी जिक्र किया था और ये भी लिखा था कि कैसे मैं हर वक़्त उसकी बम्बईया हिंदी सुधारने की कोशिश करती रहती हूँ.पतिदेव ने भी थोडा जेलस होकर शिकायत की ,'ठीक ठीक है,सिर्फ ममी के लिए ही बनाओ"

सोने में रात के दो बज गए और सुबह सुबह ही फोन बज उठा.कैनेडा से फोन था...एक बार लगा,'अदा' का है क्या...पर नहीं अदा से बात हुई है,उसकी आवाज़ नहीं थी ये...ये फ़ोन मेरी पुरानी सहेली रूपी का था,जो अपने 'ब्यूटीशियन' और हेयर स्टाइलिस्ट के काम में इतनी व्यस्त हो गयी थी कि पिछले ६ महीने से ना तो फ़ोन किया था ,ना ही नेट पर दर्शन दिए थे....और आज जैसे फ़ोन रखने को तैयार ही नहीं.

मैंने बच्चों को बोला,चलो 'लंच' और 'मूवी' के लिए चलते हैं.(अब मुझे भी तो एवज में कुछ करना था)बच्चे लंच के लिए तो मान गए,पर मूवी के लिया मना कर दिया.कनिष्क ने बताया,उसके सर का फोन आया था,वे ६ बजे आ रहें हैं,पढ़ाने.लंच से आने के बाद मैंने सोचा,चलो गुलाबजामुन बना दूँ,कब से ड्यू है और बच्चों ने भी इतना किया है.एक दिन अदा से चैट पर बात भी हो रही थी कि ब्लॉग्गिंग के चक्कर में कैसे गुलाबजामुन,केक,नमकीन,खजूर सबने बैकसीट ले लिया है.अदा ने मजाक भी किया था,'जबतक बच्चे और पति बैकसीट नहीं ले लेते तबतक सब ठीक है" किचेन में ही थी कि किंजल्क ने आवाज दी," ममी अमृत(उसका फ्रेंड) तुमसे बात करेगा"और अपना फोन मुझे थमा दिया.मैंने हेल्लो बोला और दूसरी तरफ से सात-आठ लड़के लड़कियां एक सुर में गाने लगे,"हैप्पी बर्थडे..." फिर मैंने सबका एक एक कर परिचय पूछा,सब शिकायत करने लगे..."आंटी,किंजल्क ने हमें घर नहीं बुलाया,खुद अकेले आपके साथ सेलिब्रेट कर रहा है."..मिशिका ने तो एक कदम बढ़ कर शिकायत की, "आंटी मैं होस्टल में रहती हूँ,घर के खाने के लिए तरसती हूँ,फिर भी घर पे नहीं बुलाता"..खैर सबको मैंने इनवाईट किया..(यह भी सोचने लगी..लो,अब कुछ ना कुछ बना कर भेजना पड़ेगा)
किचेन से निकल थोडा सुस्ता ही रही थी कि कॉलबेल बजी.हमेशा की तरह दोनों बच्चे 'तुम देखो'...'तुम क्यूँ नहीं'..करते रहें...मुझे ही खोलना पड़ा...और सामने थीं वैशाली,तंगम राजी(मेनन),नेहा,,इंदिरा और राजी
(अय्यर)...एक सुन्दर सा बुके और केक पर जलती हुई कैंडल लिए.वैशाली ने कैमरा ऑन रखा था और खटाखट मेरे खुले मुहँ और विस्फारित नेत्रों का फोटो लिए जा रही थी.बच्चे पीछे खड़े हंस रहें थे.पता चला, ये सब इनलोगों की मिलीभगत थी.सहेलियों ने किंजल्क को फोन कर बता दिया था ,तभी इन दोनों ने मूवी के लिए मना कर दिया था..और कनिष्क ने ट्यूशन का बहाना बनाया था.वरना फिल्म के लिए और कनिष्क मना कर दे?...असंभव. अभी भी दोनों इसीलिए दरवाजा भी नहीं खोल रहें थे.इनलोगों ने बुके थमाया..फिर मुझे आदेश दिया...अब कपड़े बदल कर आओ...गाउन में केक नहीं कटेगा..मैंने ना नुकुर की तो...कहने लगीं ये 'तंगम' के केक की इन्सल्ट होगी...तंगम प्रोफेशनल बेकर है और अद्भुत केक बनाती है.क्रिसमस के एक महीने पहले से उसके केक की बुकिंग शुरू हो जाती है और इतनी व्यस्तता में उसने मेरे लिए केक बनाया.पर वो है ही ऐसी..आए दिन किसी ना किसी बहाने हमें केक,पेस्ट्री खिलाती रहती है. और घर मे तो बिस्किट के सिवा कुछ था ही नहीं उन्हें पेश करने को. मैंने बच्चों को ही दौड़ाया ,समोसे ,आइसक्रीम लाने .और मन ही मन शुक्र मनाया ..अच्छा हुआ,गुलाबजामुन बनाए...कुछ तो घर का बना है...काफी धमाल रहा..और इतने हंगामे के बाद रात में फॅमिली के साथ quite dinner अच्छा लगा.

कुछ ऐसे लोगों की शुभकामनाएं मिलीं जो अनापेक्षित थीं...बेचारे मिथिलेश की हर पोस्ट की मैं पोस्टमार्टम कर डालती हूँ...और बड़े तीखे कमेंट्स देती हूँ ..पर उसने केक और समोसे से सजा प्यारा सा मेल भेजा.हिमांशु से मेरी, अपनी दूसरी पोस्ट पर ही थोड़ी सी बहस हो गयी थी...तब से वो मुहँ फुला कर बैठा है...पर विश करना नहीं भूला. डा.अनुराग ने २,३, महीने बाद कमेन्ट लिखे थे मेरी 'मोनालिसा' वाली पोस्ट पर फिर अगले दिन ही डिलीट कर दिए (वजह नहीं पता,..यहाँ तो कोई वैमनस्य कोई बहस भी नहीं हुई थी और ये लिखने मिटाने का दौर तो शायद टीन एज के बाद ही ख़तम हो जाता है :) ) ....पर फेसबुक पर अपनी शुभकामनाएं दीं..एक मनोवैज्ञानिक मित्र हैं डा. कौसर..हमेशा शिकायत करती हूँ कि आप हमेशा 'पोलिटिकली करेक्ट' बात करते हैं,कभी तो डाक्टरी लबादा उतार कर बोलिए,एक बार उन्होंने आम इंसान की तरह कोई बात कही .और मुझे बुरा लग गया.....पर मेरे बुरा मानने का उन्होंने बुरा नहीं माना और अच्छा सा मैसेज भेजा .बाकी सारे तो दोस्त ही हैं..विश ना किया तो कहाँ जायेंगे :)

वैसे सबका तहे दिल से शुक्रिया, मेरा एक मामूली सा दिन इतना ख़ास बनाने के लिए.

29 comments:

विनोद कुमार पांडेय said...

Janmdin ka sundar vivran...belated happy new year rashmiji!!

shikha varshney said...

wah ...baar baar din esa aaye....happy birthday to you.

vandana gupta said...

aisa janamdin hamesha manayein.

मनोज कुमार said...

बहुत-बहुत बधाई..
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर लगा आप का यह जन्म दिन, सच मै बच्चे जब बडो का जन्म दिन मनाये तो बहुत खुशी होती है, हमारी तरफ़ से भी कुछ देर से ही सही जन्म दिन की शुभकामनाये

ताऊ रामपुरिया said...

जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं. और नये साल की घणी रामराम.

रामराम.

Udan Tashtari said...

बढ़िया मन गया जन्म दिन!!


यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।

हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.

मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.

नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।

वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।

आपका साधुवाद!!

नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!

समीर लाल
उड़न तश्तरी

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं. और नये साल की घणी रामराम.


रामराम....

महफूज़... (रामप्यारी का बॉय फ्रेंड...)

हेहेहेहे....

बहुत सुंदर लगा आप का यह जन्म दिन....

wah ...baar baar din esa aaye....happy birthday to you.

aisa janamdin hamesha manayein.

बहुत-बहुत बधाई..
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

स्वप्न मञ्जूषा said...

अरे रश्मि,
मार दिया न ठोना...):
तुझे कॉल नहीं कर पायी....बस बच्चे न मुझे kidnap करके ले जाते हैं....और इनदिनों मेरी बिलकुल भी नहीं चल रही है मेरे घर में....
सॉरी कहना है भाई.... जन्मदिन की फिर से बहुत बहुत बधाई.....
हम यही सोचते हैं कि अगर जो बच्चे न होते तो हम क्या करते ...कितना सुख देते हैं बच्चे....कम से कम अभी तो दे ही रहे हैं.... आगे का तो अल्लाह मालिक...
और ये पढ़ा तो अजीब लगा कि किसी ने कमेन्ट किया और डिलीट किया...पूछना चाहिए न क्या बात थी...शायद कोई अच्छी सी वजह हो उनके पास...
अरे तुम तो शान हो हिंदी ब्लॉग जगत की ...लोग तुम्हें पढ़ते हैं बहुत मन से...समझी...!!

वाणी गीत said...

wow.. गुलाबजामुन , केक , मोमबत्ती , सेलेब्रसन ...सब अकेले अकेले ...bad manners ....
मगर इतनी खूबसूरती से मनाया जन्मदिन अच्छा लगा ...और सरप्राईज़ गिफ्ट की तो बात ही क्या है ..
एक बार फिर से बधाई ....

manu said...

जन्मदिन बहुत मुबारक हो आपको...

manu said...

लगे हाथ नए साल की भी बधाई ले कीजिये..

Khushdeep Sehgal said...

रश्मि बहना,
बच्चों का इतना प्यार अभिभूत कर देने वाला है...ये आपके दिए संस्कार ही हैं जो सूद समेत वापस मिल रहे हैं...पाबला जी के ब्लॉग पर आपको जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं...नए साल पर फिर दोहरा देता हूं...वैसे आपकी
पोस्ट पढ़कर तो यही लगा कि काश खुद बधाई देने के लिए मुंबई होता...

नया साल आप और आपके परिवार के लिए असीम खुशियां लाए...

जय हिंद...

शेरघाटी said...

बहुत ही खुशनुमा एहसास करा गयी ये पोस्ट! ममत्व और वात्सल्य से सराबोर!दुआएं प्यारे-प्यारे बच्चों के लिए, अब यही तो ज़िन्दगी हैं हम सब के!

rashmi ravija said...

सब लोगों का फिर से शुक्रिया...प्लीज़ इतनी बार तो शुभकामनाएं ना दें...अगले साल के लिए क्या बचेगा फिर :)
@अदा...अरे ये कोई ठोना नहीं(कहाँ से याद रखे हैं ये सब शब्द??..ज़माना हो गया सुने :))...प्लीज़ ऐसा कभी मत समझना..वो क्या है,ना..पहले कैनेडा से बर्फ याद आती थी,फिर रूपी...और अब तुम..इसीलिए तुम्हारा ख्याल आ गया...उलाहना नहीं था कोई..तुमने कई जगह और कई बार विश किया...कैसे शिकायत कर सकती हूँ.
और लिखने -मिटाने का तो क्या है...शब्द आपके,की-बोर्ड आपका,स्क्रीन आपका....मैं क्यूँ पूछूं किसी से..लिखो या मिटाओ,तुम्हारी मर्ज़ी.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

देर से ही सही.....पर इतनी देर भी नहीं हुई.....आज ही तो आपका पता - ठिकाना मालूम हुआ है....आलेख
सुन्दर है.
जन्मदिन की बहुत सी शुभकामनायें...
नव वर्ष मंगलमय हो.

सागर नाहर said...

इस साल तो बहुत देरी कर दी जन्म दिन की बधाई देने में, वैसे भी लेट लतीफ हूँ, अक्सर महीने दो महीने बाद बधाई देता हूं।
:)
जन्मदिन और नये साल की बहुत बहुत बधाई।
बधाई मनाने का तरीका बहुत अच्छा लगा।

गौतम राजऋषि said...

अब सोच रहा हूँ कि अपने जन्म-दिन पर मुझे ये आइडिया क्यों नहीं आया इस तरह का पोस्ट लिखने का...

नये साल की सारी शुभकामनायें मैम!

रावेंद्रकुमार रवि said...

जन्म-दिन के साथ-साथ

नया वर्ष भी हो आपको शुभ!

जाओ बीते वर्ष

नए वर्ष की नई सुबह में

महके हृदय तुम्हारा!

mamta said...

What a great post.Gave us many ideas about how to celebrate birthdays next year.Really,har saal sar phodte hain yeh sochane mein ki husband ke ya bacchon ke birthday par kya kare jo naya ho.Thanks to Kanishka and Kinjal for that.Happy belated birthday!

manu said...

लिखने -मिटाने का तो क्या है...शब्द आपके,की-बोर्ड आपका,स्क्रीन आपका....मैं क्यूँ पूछूं किसी से..लिखो या मिटाओ,तुम्हारी मर्ज़ी.

manu said...

लिखने -मिटाने का तो क्या है...शब्द आपके,की-बोर्ड आपका,स्क्रीन आपका....मैं क्यूँ पूछूं किसी से..लिखो या मिटाओ,तुम्हारी मर्ज़ी.

30/12/09 11:57 PM

निर्मला कपिला said...

der se hee sahee janm din kee bahut bahut badhaai vyast hoon fir aatee hoon aasheervaad

Ravi Rajbhar said...

Sunder abhibyakti....
sabke sath ham bhi kahten hai...HPPY BIRTHDAY with HAPPY NEW YEAR.

संजय भास्‍कर said...

बहुत-बहुत बधाई..
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

Abhishek Ojha said...

हम्म... परसों ये पोस्ट पढ़ा था. तब कमेन्ट कर रहा था क सबसे आखिर में मैं ही बधाई दूंगा लेकिन वो कमेन्ट हो नहीं पाया. तो आज इस पोस्ट पर आखिरी बधाई मेरी तरफ से... जन्म दिन और नववर्ष दोनों के लिए :)

Mithilesh dubey said...

आदरणीय रश्मि जी

देखिए जहाँ तक मुझे लगता है कि हमारे बिच जो कुछ भी होता है वह ब्लोगिंग में होता ,न की हमारे निजी जिवन में , । आप मेरी विरोधी है तो वह बस लेखों के ऊपर होता है । आपने मुझे याद किया इसके लिए आभार

वन्दना अवस्थी दुबे said...

वाह शानदार विवरण. पूरे समारोह में हम खुद भी शामिल रहे हों जैसे, इतना जीवंत. हमारी भी बधाई, देर से ही सही.

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

advance mein aane wala b'day ki badhaiyan aur belated one bhi le lijiyega.. :d