Monday, December 7, 2009

घनी अमराइयों के बीच मुंबई ब्लॉगर्स की आत्मीय बैठक




मुंबई ब्लॉगर्स मीट में शामिल होने के लिए मैं काफी उत्सुक थी क्यूंकि इस ब्लॉग जगत की वजह से ही फिर से हिंदी से नाता जुड़ा है और मेरे नाम 'रश्मि रविजा' का पुनर्जन्म हुआ.हम स्त्रियों को पहले पिता का और फिर पति का सरनेम धारण करना पड़ता है.बरसों बाद अपने कॉलेज जीवन के लेखन के बाद फिर से लोग मुझे इस नाम से जानने लगे हैं.और जब शमा जी की डायरी में पहली बार 'रश्मि रविजा' लिखकर फ़ोन नंबर दिया तो सचमुच बहुत अच्छा लगा
.
यूँ तो अपने ढाई महीने के ब्लॉग काल में कई लोगों से मेल के द्वारा संवाद स्थापित हो चुका है पर 'युनुस खान' को छोड़कर मुंबई के किसी ब्लॉगर से मेरा परिचय नहीं था.पर दो बार कार्यवश 'विविध भारती' जाने के बावजूद भी उनसे मुलाक़ात नहीं हो सकी थी ,और पूना जाने की वजह से वे इस मीट में भी शामिल नहीं हो पा रहें थे.मैंने लिस्ट में नाम देख आभा मिश्रा जी(अपनाघर ब्लॉग) से संपर्क किया और जब उन्होंने बताया कि वे आ रही हैं तो बहुत ख़ुशी हुई.पर एक दिन पहले उन्होंने सूचना दी कि उनके बेटे मानस का पैर फ्रैक्चर हो गया है,इसलिए उनका आना मुमकिन नहीं.(मानस के जल्दी स्वस्थ होने की अनेक शुभकामनाएं ) मैं बहुत मायूस हो गयी तो आभा जी ने ममता जी(बतकही,रेडियो सखी ममता,ब्लॉग ) का नंबर दिया कि उनसे बात करो...वे शायद आ रही हैं.ममता जी कुछ असमंजस में थीं.उन्होंने कहा कि उनका छोटा बच्चा है और पति बाहर जा रहें हैं. फिर उन्होंने कहा कि उनके पति भी ब्लॉगर हैं.जब मैंने नाम पूछा तो उन्होंने बताया ,'युनुस खान' ये भी बताया कि ये उन्ही का नंबर है ,मैंने झट मोबाईल चेक किया तो पाया मैंने युनुस जी का नंबर ही लगाया था.बाद में ममता जी का भी पूना जाने का कार्यक्रम बन गया.

विवेक जी ने बताया, शमा जी आ रही हैं.पहली बार फोन पर ही शमा जी ने इतने अपनत्व और प्यार से बात की कि मैं अभिभूत हो गयी.रु-ब-रु मिलने पर तो उनकी शख्सियत के सब कायल हो गए होंगे.एक साथ विभिन विषयों पर वे करीब २० ब्लॉग मैनेज करती हैं.मानो उनके लिए दिन में ४८ घंटे होते हों.कई लोगों की तरह उन्होंने भी फोन पर ही पूछा,आप 'रश्मि प्रभा' तो नहीं....ये संयोग ही है कि 'रश्मि प्रभा' जी ने पहली पोस्ट से ही मेरा हमेशा उत्साह बढाया है. उनकी प्रभा में पल भर को मेरा नाम भी आलोकित हो उठा.शमा जी ने 'रश्मि प्रभा' से मिलने का रोचक किस्सा सुनाया,शमा जी के किसी ब्लॉग पर 'कलात्मक बैग' देखकर रश्मि जी ने करीब २० बैग का ऑर्डर दिया.जब शमा जी कोरियर करने लगीं तब ध्यान से नाम पढ़ा और पाया कि वे तो साथी ब्लॉगर हैं.फिर उन्होंने फोन पर बात की और पता चला वे लोग आस पास ही रहती हैं.

प्रसिद्द कथाकार 'सूरज प्रकाश जी ने भी अपने अनुभव बताये कि कैसे उनके किसी पोस्ट की चर्चा,युनुस जी ने अपने
कार्यक्रम युवावाणी' में की और १९९२ से बिछड़े किसी मित्र ने उनका कार्यक्रम सुन,कई जगह फोन करेक आखिर उन्हें ढूंढ निकाला. सूरज प्रकाश जी और राज सिंह जी भी इस मुंबई मीट में २६ साल बाद मिले.जब मैंने अविश्वास से पूछा कि आपलोगों ने एक दूसरे को पहचाना कैसे तो दोनों ने स्वीकार किया कि सचमुच चेहरे से नहीं,नाम से पहचाना.
दो साल पहले सूरज जी दुर्घटना ग्रस्त हो गए थे .किसी ने अपने ब्लॉग पर यह खबर डाल दी और एक दिन में ही सौ से अधिक शुभकामना सन्देश आ गए और करीब २८ लोगों की लिस्ट तैयार हो गयी रक्त दान करने के लिए..


अविनाश जी ने बताया कि एक बार,उन्होंने ब्लॉग में यह सूचना डाल दी कि उन्हें एक मोबाईल खरीदना है और तुरंत ही कई लोगों ने उन्हें अच्छे मोबाईल्स की सूचना उपलब्ध करा दी,इतना ही नहीं ३० किलोमीटर दूर बैठे एक पाठक ने उनसे संपर्क किया,जानकारी दी और अविनाश जी के कहने पर वह मोबाईल उनके लिए खरीद भी लिया.आज भी वे वही मोबाईल इस्तेमाल कर रहें हैं.ब्लोगिंग के जरिये घर बैठे ही उनका यह काम हो गया.

महावीर जी(मुंबई टाईगर) ने बताया कि उनकी दस वर्षीया बेटी ने उन्हें हमेशा डायरी में कुछ लिखते देख ब्लॉग शुरू करने का सुझाव दे डाला.और आज हम सब लाभान्वित हो रहें हैं.

सतीश पंचम(सफ़ेद घर ) जी का कहना था कि उन्होंने 'मैला आँचल' किताब पढ़ी और इतने प्रभावित हुए कि कई किताबें पढ़ डालीं फिर लिखना भी शुरू कर दिया.

आज प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा देख हम सब खुश होते हैं पर अलोक नन्दन जी ने प्रिंट मीडिया को अलविदा कह कर ब्लॉग्गिंग में कदम रखा.इतनी मेहनत से लिखे आलेख की एडिटिंग देख वे व्यथित हो जाते थे.काफी दिन कई अखबारों में काम करने के बाद उन्होंने ब्लॉग जगत का रुख कर लिया.

विवेक रस्तोगी जी(कल्पतरु) ने बैंकों की कार्यवाही की जानकारी देने हेतु एक ब्लॉग बनाया था.पर रीडरशिप ना होने के कारण उसे बंद कर दिया.अविनाश जी ने सलाह दी कि 'नुक्कड़' में पोस्ट करें फिर सबकी नज़रों से गुजरेगी.आशा है हमें जल्द ही महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलेंगी.

शशि सिंह ने भी २००७ में ही अपना ब्लॉग बनाया था पर उनकी व्यस्तता की वजह से उनका ब्लॉग सुसुप्तावस्था में चला गया है.अविनाश जी ने उन्हें भी सलाह दी कि कम से कम महीने में एक पोस्ट जरूर डालें.
विमल जी(ठुमरी ब्लॉग)...ने अजय जी (गठरी ब्लॉग) को ब्लॉग की दुनिया से परिचित कराया और अजय जी उन्हें इस ब्लॉगर मीट में लेकर आये.


'एन डी एडम' जी पहले तो चुपचाप सबके स्केच बनाते रहें.बाद में उन्होंने बताया कि उनके परिचय का दौर 'पृथ्वीराज कपूर' से शुरू होता है,कई महत्वपूर्ण हस्तियों से उनका परिचय है और उनका स्केच वे बना चुके हैं.करीब तीन हज़ार स्केच वे अब तक बना चुके हैं.

डा रुपेश श्रीवास्तव जी और राज सिंह जी काफी देर से इस ब्लॉग मीट में आये पर अपनी जिंदादिली से इस सम्मलेन की रौनक कई गुना बढा दी.

नन्ही प्यारी सी फरहीन सबसे छोटी ब्लॉगर थीं वहां...अपनी मुस्कराहट से उन्होंने इसकी जीवन्तता कायम रखी थी.

यह ब्लॉग परिवार ऐसे ही फलता फूलता रहें और नए नए सदस्य जुड़ते रहें यही सबकी कामना है.

46 comments:

चण्डीदत्त शुक्ल-8824696345 said...

एक घर (ब्लॉग) और हज़ार खिड़कियां (ब्लॉगर्स)...नए विचारों की खुशबूदार हवा ऐसे ही आती रहे...शुभकामनाएं. सरस लिखा.

रंजू भाटिया said...

ब्लॉग की दुनिया वाकई अदभुत दुनिया बनती जा रही है .अच्छा लगा आपके लेखन द्वारा सबसे मिलना

विवेक रस्तोगी said...

बिल्कुल लाईव कमेन्ट्री की है, धन्यवाद आपको।

स्वप्न मञ्जूषा said...

रश्मि जी,,
अपनी लेखनी से हमें भी बम्बई की सैर करवा दी क्या बात है.....मुझे तो आप सबकी किस्मत से इतनी जलन हो रही है की क्या बताऊँ....
लेकिन ..ह्रदय से बहुत ख़ुशी हुई पढ़ कर की ब्लाग्गेर्स के बीच कितना सौहाद्र बढ़ रहा है.....एक अलग सी ही दुनिया बसती जा रही है...सब कुछ कितना अपना सा लगता है...
आप सभी को मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई.....
ऐसे ही 'मीट' होते रहे और लोग एक दूसरे के और करीब आते रहें.....वर्ना दुनिया में रखा क्या है ???

FARHEEN !!!!!!!!! said...

रश्मि दी’आपने इतना लिख दिया कि मैं तो महीने भर में लिख पाउंगी। दूसरी बात कि आप हमारे देर से आने का कारण जानना चाहें तो वो हम लिख चुके हैं,मुझे नन्ही और प्यारी सी कहा ये देख कर मुझे अच्छा लग रहा है तारीफ़ सुनने में मज़ा आता है खास तौर पर जब कोई ईमानदारी से करे।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

रश्मि बहन,आपने देखा कि आपकी नन्ही सी प्यारी सी फ़रहीन ने मेरे सिर पर उंगलियों से सींग उगा दिये हैं कितनी प्यारी है ये शैतान...। राजकुमार नहीं राजसिंह हैं जो द्विअर्थी गाना सुना रहे थे और मैं उनकी टांग खींच रहा था लेकिन काफ़ी मोटी टांग थी ज्यादा नहीं खिंच सकी। शमा दीदी तो वाकई बेमिसाल हैं। आशा है कि अगली मुलाकात का आयोजन हम लोग करेंगे तो आप मुनव्वर आपा और मनीषा दीदी से भी मिल सकेंगी।
जय जय भड़ास

अजय कुमार झा said...

वाह वाह इस रिपोर्ट को पढ के ..रनिंग कमेंट्री की याद हो आई ,....बिना पलकें झपकाए पूरी रपट पढ डाली ...ये एहसास हो गया कि ..मुंबई मिलन आपके जीवन के अनमोल पलों में दर्ज हो गया होगा ..आप सबको बधाई ..इस सम्मेलन की सफ़लता के लिए..

शरद कोकास said...

रश्मि जी यह भी सन्योग है कि 6 दिसम्बर को मेरे घर पर भी एक ब्लॉगर्स चिंतन शिविर का आयोजन हो गया .. वहाँ हम एक दर्ज़न लोगों ने आप सभी मुम्बईकर को याद किया ..। यह रपट अच्छी लगी निश्चित ही इससे आपका उत्साह बढ़ा होगा । बधाईयाँ -शरद

Unknown said...

आपने अपने खास अन्दाज़ मे वेहद सजीव चित्रण किया है पूरे घटनाक्रम का.
मेरा मुम्बई प्रवास १८.१२.२००९ से २४.१२.२००९ तक रहेगा. मिलने का मन हो तो मेरे से सम्पर्क कर सकते है. मेरा ब्लोग है -

http://hariprasadsharma.blogspot.com/

सम्पर्क 09001896079

ghughutibasuti said...

बहुत अच्छा विवरण दिया है। इस मिलन के इतने सफल होने पर आयोजकों को बधाई।
घुघूती बासूती

Chandan Kumar Jha said...

बहुत अच्छा लगा ब्लागर मिलन की खबरे पढ़कर । खासकर आपने जो व्यक्ति विशेष का जो परिचय दिया, वह बहुत ही रोचक था ।

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बहुत ही बढिया रिपोर्ट रही ब्लागर मिलन की, फ़ोटो मे सभी को साक्षात दे्खकर आनंद आया-आभार

अजय कुमार said...

अच्छी और विस्त्रित रिपोर्ट के लिये धन्यवाद

Udan Tashtari said...

शानदार विस्तृत रपट का आभार. अच्छा लगा जान देख सुन के.

shikha varshney said...

रश्मि जी बहुत अच्छी रिपोर्ट लिखी है आपने..आपके शब्दों के सहारे हम भी बैठक में शामिल हो लिए और सभी सदस्यों से मुलाकात हो गई.बहुत धन्यवाद आपका

प्रवीण त्रिवेदी said...

सबको बधाई ..!!!!1

ताऊ रामपुरिया said...

ऐसा लगा जैसे हम भी वहीं रुबरू थे. बहुत शुभकामनाएं.

रामराम.

देवेन्द्र पाण्डेय said...

अच्छा! तो ब्लाग से ये फायदे भी हैं!! हम्मम..

देवेन्द्र पाण्डेय said...

अच्छा, तो ब्लाग से ये फायदे भी हैं!

MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर said...

रश्मि जी बहुत अच्छी रिपोर्ट लिखी है
आभार!

सतीश पंचम said...

बढिया रिपोर्टिंग रही। बहूत खूब।

अविनाश वाचस्पति said...

ये मन विचारों की रश्मियां हैं
इन्‍हें यूं ही बिखेरती रहिए
मन के प्रांगण को
ब्‍लॉग जगत के आंगन को
सदा ही महकायेंगी।

RAJNISH PARIHAR said...

इसी तरह की एक ब्लोगर मीट यहाँ बीकानेर में भी हुई थी जिसमे संजय बेगानी जी भी आये थे,ये एक अच्छा संकेत है ब्लोगर्स के लिए..मेरी शुभकामनायें..

राजीव तनेजा said...

जीवंत रिपोर्ट...पढकर आनंद आ गया

वाणी गीत said...

सबसे पहले तो अपना नाम वापस मिल जाने की बधाई स्वीकार करें ...
ब्लोगर मीट का विवरण और ब्लोगर के ब्लोगर बनने का वर्णन बहुत रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया आपने ...
बहुत बधाई ....!!

Anil Pusadkar said...

किसी की नज़र ना लगे,फ़लता-फ़ुलता रहा हमारा ब्लाग परिवार्।हम लोग भी दुर्ग मे शरद कोकास के घर पर मिले और खुब गुज़री जब मिल बैठे ब्लागर कई।

रंजन (Ranjan) said...

बहुत अद्भुत रहा ये सम्मेलन.. बधाई..

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

हम इस प्रकार की ब्लॉगर मीट में हिन्दुस्तान का अक्स देखते हैं। आभासी दुनिया अब वास्तविक होती जा रही है। मिलन के प्रतिभागियों को बधाई। राज सिंह जी, अविनाश जी, डॉ.रूपेश जी, विमल जी और शमा जी से मिलने को मैं भी उत्सुक हूँ।

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर ,आत्मीय रिपोर्टिंग की आपने। बधाई!

36solutions said...

बहुत बढिया रिपोर्टिंग. धन्‍यवाद रश्मि जी.

रेखा श्रीवास्तव said...

ye commentry bahut badhiya kar leti ho, radio se judi ho na isaliye. padha bahut sajeev varnan kiya hai.

RAJ SINH said...

मैं देर से पहुंचा पर आपकी रपट ने सब कमी पूरी कर दी . ऐसे ही मिलते रहें ........मुस्कराते रहें . आभाशी से सवासी तक का अंतराल कुछ तो कम होता रहे.
रश्मिजी धन्यवाद . अगली बार और ज्यादा लोग जुड़ें , मिलें ,दूरियां मिटायें .

Alok Nandan said...

रपट तो आपने खूब लिखी है...नाइस और वेरी नाइस जैसी टिप्पणियों पर आपने खूब चुटकी ली थी...बस आप लिखती रहे...धुआंधार तरीके से...

रंजना said...

Badhiya vivran diya...Jay bloging to kahna hi padega...

रश्मि प्रभा... said...

इस ब्लॉग ने हमें अनेक रिश्ता दिया है.........कहीं दोस्त,कहीं दीदी,कहीं मासी,कहीं एक दर्द का रिश्ता........
हम ऐसे ही साथ चलते रहें,यही कामना है

Anonymous said...

बहुत शानदार,
भड़ास पर रुपेश भाई से इस सम्मलेन का ब्यौरा देखा और अब यहाँ, दिल में एक कसक सी रह गयी कि काश हम भी ...
खैर सभी मित्रों को बधाई
और आनेवाले सम्मलेन का इन्तजार.
जय हो

Anita kumar said...

रश्मि जी बहुत शानदार रिपोर्टिंग हुई है। हमें साथी ब्लोगरों के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद्। आप से मिल कर हमें खुशी होगी

गौतम राजऋषि said...

रोचक और दिलचस्प रपट!

लीजिये हम तो बैठे-बैठे सबसे मिल लिये।

आभा said...

अच्छा विवरण.......बढिया रिपोर्टिंग

Unknown said...

excellentttt beautifully described n written more like live commentry keep going n keep having such meetings on and offf ............

निर्मला कपिला said...

रश्मि देर से ही सही मगर पूरी जान कारी पढ कर बहुत खुशी हुयी। काश कि कभी मैं भी कोई ब्लागर्स मीट अटेन्ड कर पाऊँ बहुत बहुत शुभकामनायें

mamta said...

Nice writing,felt as though I was reading something on a family gathering.As it is bloggers have formed a family of their own,congratulations,you now have a family by choice and not by compulsion.

नीरज गोस्वामी said...

रश्मि जी अगर मुझे जयपुर ना जाना होता तो इस ब्लोगर मीट में जरूर आता...चलिए फिर कभी सही...सूरज जी मेरे अच्छे मित्र हैं और राज सिंह तथा शमा जी से भी खूब परिचय है, इस बहाने आप सब से ना मिल पाने का अफ़सोस है मुझे...बहुत रोचक वर्णन दिया है आपने इस मुलाकात का...
नीरज

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

सच में आपकी लेखनी ने बम्बई कि सैर करा दी.... हमने भी अनौपचारिक ब्लॉगर मीट कि थी लखनऊ में.... जो कि बहुत अच्छी रही.... आपने एकदम सिलसिलेवार जानकारी दी है..... हाँ! यह बहुत अच्छा कि आपने शमा जी कि डाइरी में अपना नाम लिखा.... यह पढ़ कर बहुत अच्छा लगा....

कडुवासच said...

... ब्लागर्स सब जगह धूम मचा रहे हैं, बधाईंया !!!

Mithilesh dubey said...

बढिया रिपोर्ट प्रस्तुत कि आपने ,काश मैं भी आप लोगो के बिच होता ।