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Wednesday, December 23, 2009

मुस्कुराते चेहरों के पीछे का दर्द


(यूँ तो कई विषयों को अपनी पोस्ट्स में समेटने की कोशिश की है पर अपनी बिरादरी पर आजतक कुछ नहीं लिखा...कुछ दिनों पहले'नारी' ब्लॉग पर एक फिल्म के बहाने अपने देश में स्त्रियों की स्थिति पर कुछ मनन करने की कोशिश की थी.,..आज वो पोस्ट यहाँ है )

यूँ ही चैनल फ्लिप कर रही थी कि देखा एक फिल्म आ रही है,"मोनालिसा स्माईल'...अपनी सहेलियों को SMS करने लगी तो ध्यान आया ब्लॉगजगत पर भी बहुत सारे दोस्त हैं,पता नहीं उन्होंने यह फिल्म देखी है कि नहीं,उन्हें भी इस फिल्म से रु-ब-रु करवाया जाए.यह प्रासंगिक भी है क्यूंकि आजकल ब्लॉगजगत में 'चर्चा-ए-नारी' ने कलमकारों को उलझा कर रखा हुआ है.

यह फिल्म, दायरे में सीमित ,महिलाओं की सोच बदलने की है...अपनी अस्मिता तलाश करने की है....अपना अस्तित्व स्थापित करने की है.

अमेरिका के 1950 के दौर की कहानी है और बिलकुल हम से मिलती जुलती.(दुःख होता है,हम 60 साल पीछे चल रहें हैं)मिस वाटसन(जूलिया रॉबर्ट्स) की नियुक्ति लड़कियों के एक कॉलेज में होती हैं.वे पाती हैं,लडकियां बहुत मेधावी हैं,स्मार्ट हैं पर उनकी सोच एक परंपरा की शिकार है.जो कुछ सिलेबस में है,वे उसे तोते की तरह रट जाती हैं.उनकी अपनी कोई सोच नहीं है.लडकियां कॉलेज को टाईम पास की तरह लेती हैं, जबतक उनकी शादी नहीं हो जाती.(कुछ अपने यहाँ की कहानी जैसी नहीं लगती?)

मिस वाटसन उन्हें अपना विचार खुद बनाने के लिए प्रेरित करती हैं.उनमे इतना आत्मविश्वास जगाने की कोशिश करती हैं कि वे अपना निर्णय खुद ले सकें.एक बहुत ही मेधावी छात्र है,जिसे लॉयर बनने की इच्छा है. पर जब मिस वाटसन उस से पूछती हैं कि वो ग्रैजुएशन के बाद क्या करेगी वो कहती है 'I am getting married "
"then ?"
"Then I will b remain married"
लड़कियों का गोल सिर्फ शादी है,वाटसन शादी के खिलाफ नहीं हैं पर वे चाहती हैं कि लड़कियां अपना अस्तित्व तलाशें और पत्नी के अलावा भी उनकी कोई पहचान है,उसे समझें.

वे उस लड़की को law school का फार्म लाकर देती हैं.पर उसका मंगेतर कहता है कि ये कॉलेज घर से काफी दूर है और वह समय पर टेबल पर खाना लगाने नहीं पहुँच पायेगी.जूलिया उसे सात और कॉलेज के फ़ार्म लाकर देती हैं,जो घर के पास है.और कहती हैं कि अब वो दोनों काम एक साथ कर सकती है. पर परंपरा में बंधी लड़कीअपने मगेटर की नाराज़गी का ख़याल कर , खुद इनकार कर देती है.

दूसरी एक बेट्टी नाम की छात्रा,मिस वाटसन का बहुत विरोध करती है.क्यूंकि उसे लगता है वह लड़कियों को बहका रही हैं.इस लड़की की शादी हो जाती है.वह घर और पति के प्रति पूर्ण समर्पित है.घर और पति ही उसकी दुनिया है.पर पति का कहीं और अफेयर है और वह बहाने बनाकर ज्यादातर घर से बाहर रहता है.जब इसे पता चलता है तो वह अपने माता-पिता के घर जाती है पर उसकी माँ उसे वहां रुकने नहीं देती और कहती है"अब पति का घर ही उसका घर है. माँ उसे समझाती है कि सब ठीक हो जाएगा,बस किसी को कानोकान खबर ना हो "( पता नहीं कितनी भारतीय लड़कियों ने भी ये सब सुना होगा)

फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण दृश्य है जब बेट्टी अपनी माँ को मोनालिसा की तस्वीर दिखाती है.उसकी माँ कहती है " She is smiling "
बेट्टी पूछती है " I know but is she HAPPY ??बेट्टी आगे कहती है ,"She looks happy. It dsnt matter.if she is really happy or
not "

बेट्टी डाइवोर्स फाईल करती है और घर छोड़ देती है.कॉलेज की सबसे बदनाम लड़की उसे सहारा देती है.माँ बहुत नाराज़ होती है और तब बेट्टी कहती है ," When You closed the door of my own house where can i go ? "
मिस वाटसन एक प्रोफ़ेसर के करीब आ जाती है,तभी उनका पुराना प्रेमी जिसे वाटसन का यूँ इस शहर में कॉलेज में पढ़ाना बिलकुल पसंद नहीं था,अचानक आ जाता है.और प्रपोज़ कर अंगूठी पहना देता है.पर वाटसन कहती है,"एक अरसे से हमारा कोई contact नहीं और तुम्हारा जब चाहे मेरी ज़िन्दगी में चले आना और जब चाहे चले जाना मुझे मंजूर नहीं..वो शादी से इनकार कर देती है.कुछ दिन बाद प्रोफ़ेसर की असलियत भी खुल जाती है.वह युद्ध के झूठे किस्से सुना war hero बना रहता था.

जाहिर है कॉलेज मनेजमेंट मिस वाटसन के स्वतंत्र विचारों को पचा नहीं पाता.और उनका contract रीन्यू नहीं करना चाहता.पर उनके सब्जेक्ट में ही सबसे ज्यादा छात्रों ने दाखिला लिया है इसलिए वह उनपर कई शर्तें लगाता है.कि वे सिलेबस से अलग कुछ नहीं पढ़ाएंगी."....लेसन प्लान पहले से अप्रूव करवायेंगी ...'छात्राओं को कॉलेज के बाहर कोई सलाह नहीं देंगी'.

मिस वाटसन त्यागपत्र दे देती हैं और चल देती हैं ,किसी और कॉलेज की लड़कियों को जकड़न से मुक्त कराने,रस्मो रिवाजों की कुछ और झूठी दीवार गिराने .
सबसे सुन्दर अंतिम दृश्य है जब मिस वाटसन कार में जा रही हैं और सारी लड़कियां ग्रैजुएशन गाउन पहने,कार के आस पास
सायकिल चलाती उन्हें उन्हें विदा दे रही हैं.

हमें भी कुछ ऐसे ही 'मिस वाटसन' की सख्त जरूरत है.