tag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post2438912461723714955..comments2023-09-10T07:58:02.211-07:00Comments on मन का पाखी: और वो चला गया,बिना मुड़े....(लघु उपन्यास )--5rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-46821101520102841372010-01-22T01:36:36.013-08:002010-01-22T01:36:36.013-08:00अरे वाह क्या बात है,आपने तो सच में बेहतरिन लिखा है...अरे वाह क्या बात है,आपने तो सच में बेहतरिन लिखा है, शुरुआत काफी मजेदार रही जैसे फिल्मो में होता है, परन्तु अंत में आपने एक बार फिर बाँध कर रख दिया, अब लग रहा है जैसे कहनी बडी रोचक स्थिति में पहुच गयी, अगली कड़ी देखते हैं ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-2651476921502652782010-01-21T00:36:56.718-08:002010-01-21T00:36:56.718-08:00रश्मि बहुत रोचक चल रही है कहानी। आज अभी और कुछ नही...रश्मि बहुत रोचक चल रही है कहानी। आज अभी और कुछ नहीं किया तुम्हारा उपन्यास ध्यान से पढा सही कहा है सब ने गज़ब का लिखती हो बधाई। इसे तो एक साथ पूरा पढ के अधिक मज़ा आयेगा। छपवाने की तैयारी करोाशीर्वाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-23623675814576994402010-01-20T19:41:32.312-08:002010-01-20T19:41:32.312-08:00ऐसी शरारत-रोचक..जारी रहिये!!ऐसी शरारत-रोचक..जारी रहिये!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-52264455053870178202010-01-19T12:24:54.644-08:002010-01-19T12:24:54.644-08:00चौथी और पांचवीं कड़ी एक सांस में एक साथ पढ़ गया......चौथी और पांचवीं कड़ी एक सांस में एक साथ पढ़ गया...बस यही गा रहा हूं...आगे क्या होगा रामा रे, जाने क्या होगा मौला रे...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-61621848349836154112010-01-19T11:33:44.301-08:002010-01-19T11:33:44.301-08:00रोचकता बरकरार है अब तलक....रोचकता बरकरार है अब तलक....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-7224594150411676532010-01-19T07:55:07.207-08:002010-01-19T07:55:07.207-08:00जिज्ञासा है ....इतना लम्बा उपन्यास कैसे लिख लेती ह...जिज्ञासा है ....इतना लम्बा उपन्यास कैसे लिख लेती हैं ....देखते हैं सबकुछ खत्म होता है या और प्रगाढ़ चढ़ता है ......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-76129507100842549222010-01-19T04:28:30.688-08:002010-01-19T04:28:30.688-08:00बेहद रोचक. मज़ा आ रहा है. घट्नायें पूरी रोचकता के ...बेहद रोचक. मज़ा आ रहा है. घट्नायें पूरी रोचकता के साथ घट रही हैं.उपन्यास की सफलता का मापदंड ही रोचकता है. आगे भी बोझिल न होने दें. <br />क्या बात है हरि जी, ऐसा कुछ हुआ है क्या? हाहाहा (मज़ाक है ये)वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-77268170215986480422010-01-19T03:56:59.063-08:002010-01-19T03:56:59.063-08:00आपके इस लघु उपन्यास से एक बात तो जेहन मे साफ़ हो गई...आपके इस लघु उपन्यास से एक बात तो जेहन मे साफ़ हो गई है कि अगर कोई लडकी प्रकट मे बेरूखी दिखा रही हो तो ये नही समझना चाहिये कि वो वास्तब मे आपको पसन्द नही करती है और नेह की बारिश से अन्गारो की गरमी भी निकल जाती है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-40457010374528758312010-01-19T00:20:58.916-08:002010-01-19T00:20:58.916-08:00bahut hi sahaj rochakta liye....bahut hi sahaj rochakta liye....रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-83901711735726834012010-01-19T00:13:32.153-08:002010-01-19T00:13:32.153-08:00देखना है फूल फिर से अंगारे बनते हैं या धीमी सुलगती...देखना है फूल फिर से अंगारे बनते हैं या धीमी सुलगती सीमी राख .....<br /><br />अपने वादे के मुताबिक तुम्हारी कहानी से यादों को सामानांतर करती रही हूँ ...<br />ब्लेकबोर्ड पर लिखा<br />"रघुपति राघव राजा राम ...सबको श्रीमती दे भगवान् " याद आ ही गया ....:)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-81371494216428410732010-01-18T22:41:51.744-08:002010-01-18T22:41:51.744-08:00बहुत बढ़िया लिखती है आप ..कहानी ने बांधे रखा है .....बहुत बढ़िया लिखती है आप ..कहानी ने बांधे रखा है ..शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-72147388661229731292010-01-18T21:43:36.151-08:002010-01-18T21:43:36.151-08:00aaj ke episode ne to chup kar diya hai.........ye ...aaj ke episode ne to chup kar diya hai.........ye parivartan , jo uski samajh mein nhi aa raha uski bayangi bahut hi badhiya dhang se ki hai aapne...........agli kadi ka intzaar hai.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-69633350940491856632010-01-18T10:09:34.444-08:002010-01-18T10:09:34.444-08:00मजेदार बहुत सुंदर शरारत से भरपुर.
धन्यवादमजेदार बहुत सुंदर शरारत से भरपुर.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-258788472063295272010-01-18T09:47:17.935-08:002010-01-18T09:47:17.935-08:00शुरुआत की शरारत और छेड़छाड़ अब स्नेह का रूप ले लिए...शुरुआत की शरारत और छेड़छाड़ अब स्नेह का रूप ले लिए वहीं शरारती लड़की आज भावना में बही जा रही है और शरद के आने के इंतज़ार में राह देख रही है..बढ़िया अभिव्यक्ति...सुंदर कहानी अब आगे की कड़ी का इंतज़ार हमे भी है...विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-22973170589762447802010-01-18T09:32:11.792-08:002010-01-18T09:32:11.792-08:00रश्मि,
तुम्हारी लेखनी को सलाम...
कहानी बहुत अच्छी ...रश्मि,<br />तुम्हारी लेखनी को सलाम...<br />कहानी बहुत अच्छी चल रही हैं.....<br />ग्गग्ग्ग्गगुस्सा इतना हसीन है तो पपपप ....कैसा होगा :):)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-84284204412910512010-01-18T09:27:19.759-08:002010-01-18T09:27:19.759-08:00लेखनी में दम है...कहानी का पूरा आनंद आ रहा है.......लेखनी में दम है...कहानी का पूरा आनंद आ रहा है....बहुत सुन्दर वर्णन ... आगे का इंतज़ार ज्यादा मत कराया करो.....फिर भी इंतज़ार में हैंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-33012574427335236712010-01-18T08:32:19.940-08:002010-01-18T08:32:19.940-08:00नेहा की मासूमियत भरी चिडचिडाहट का सजीव वर्णन किया ...नेहा की मासूमियत भरी चिडचिडाहट का सजीव वर्णन किया है रश्मि ! अचानक जैसा पूरा दृश्य और उसकी मनोस्तिथि आँखों के सामने आ जाती है...बहुत मजा आ रहा है...अब आगे ?shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-42470478310668617602010-01-18T07:56:33.264-08:002010-01-18T07:56:33.264-08:00ओह! मुझे अभी चौथी कड़ी भी पढनी है..... पहले उसे पढ...ओह! मुझे अभी चौथी कड़ी भी पढनी है..... पहले उसे पढ़ लूं..... फिर से इस पर आता हूँ.... आज ही आया हूँ ना.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-63932277979219347482010-01-18T07:46:32.763-08:002010-01-18T07:46:32.763-08:00अच्छी छेड़छाड़ है...देखते हैं--आग और कब तक धधकती ह...अच्छी छेड़छाड़ है...देखते हैं--आग और कब तक धधकती है...और कितनी! अगली कड़ी का इंतज़ार।<br /><a href="http://chauraha1.blogspot.com" rel="nofollow">चौराहा</a>चण्डीदत्त शुक्ल-8824696345https://www.blogger.com/profile/07464479436953603553noreply@blogger.com