tag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post8381743757953391209..comments2023-09-10T07:58:02.211-07:00Comments on मन का पाखी: हाथों की लकीरों सी उलझी जिंदगी (समापन किस्त)rashmi ravijahttp://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-1808312109931274282011-11-08T18:11:33.146-08:002011-11-08T18:11:33.146-08:00आपके पोस्ट पर आना सार्थक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आ...आपके पोस्ट पर आना सार्थक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । सादर।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-56958556284983333552011-09-27T05:28:52.069-07:002011-09-27T05:28:52.069-07:00bahut hi behtarin rachna...der se aai so ek fayda ...bahut hi behtarin rachna...der se aai so ek fayda hua ki poori kahani ek baar me hi padh li...shuru ki teenon kisht itni rochkta rakhte hain ki main comments dene ke liye bhi nahi ruk pai...lekin maaf kijiyega kahani ka ant kuchh khoya hua sa laga..matlab kuchh aur chahiye tha....shayad shuruwaat se navya ke man me ritesh aur sameer ke liye bhav the khaskar ritesh ke liye...par bina in baaton ke clear hue is tarah se shadi...<br /><br />haan ye to sach hai ki koi bhi aam ladki yahi karti lekin kam se kam kahani me to hum apni aazadi chahte hain..ya yun kahen jo zindagi me karna mushkil lagta hai wo agar ek kahani ka kirdaar bhi karta hai to dil ko ek sookun milta hai...<br /><br />aapki kahani vastvikta ke jyada kareeb hai...Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-76848878909297079772011-09-23T22:06:37.461-07:002011-09-23T22:06:37.461-07:00हाथों की लकीरों से उलझी जिंदगी का समापन किश्त अच्छ...हाथों की लकीरों से उलझी जिंदगी का समापन किश्त अच्छा लगा । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-88598312996131618862011-09-17T10:56:47.618-07:002011-09-17T10:56:47.618-07:00जीवन में सब कुछ वही नही होता जैसा हम चाहते है कभी ...जीवन में सब कुछ वही नही होता जैसा हम चाहते है कभी कभी विपरीत घटनाएँ भी घट जाती है.. सच की ओर ले जाती हुई..सुंदर प्रस्तुति.. <br /><br />रश्मि जी बधाई एवं शुभकामनाएँविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-71255573703516637872011-09-17T06:21:19.615-07:002011-09-17T06:21:19.615-07:00very interesting Keval bhaivery interesting Keval bhaiGopal Mishrahttps://www.blogger.com/profile/17048839371013189239noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-50294593309088179052011-09-12T20:54:48.935-07:002011-09-12T20:54:48.935-07:00आपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमार...आपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...<br />आप भी मेरे ब्लाग पर आये और मुझे अपने ब्लागर साथी बनने का मौका दे मुझे ज्वाइन करके या फालो करके आप निचे लिंक में क्लिक करके मेरे ब्लाग्स में पहुच जायेंगे जरुर आये और मेरे रचना पर अपने स्नेह जरुर दर्शाए...<br /><a href="http://neelkamaluvaach.blogspot.com/" rel="nofollow"> BINDAAS_BAATEN </a>कृपया यहाँ चटका लगाये<br /><a href="http://neelkamal5545.blogspot.com/" rel="nofollow"> MADHUR VAANI </a>कृपया यहाँ चटका लगाये<br /><a href="http://neelkamalkosir.blogspot.com/" rel="nofollow"> MITRA-MADHUR </a>कृपया यहाँ चटका लगायेNeelkamal Vaishnawhttps://www.blogger.com/profile/11181440546086719343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-26861532966787394932011-09-08T19:05:54.750-07:002011-09-08T19:05:54.750-07:00मैंने जो सोचा था उससे तो हट कर कहानी निकली...शायद ...मैंने जो सोचा था उससे तो हट कर कहानी निकली...शायद इसलिए भी आपने कहानी का शीर्षक दिया है "हाथों की लकीरों सी उलझी जिंदगी"..<br />बट स्टिल कहानी बड़ी अच्छी लगी :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-57113556948701813082011-09-08T07:09:49.638-07:002011-09-08T07:09:49.638-07:00इससे पहले कि व्यक्ति प्यार की अनुभूति से आगे बढ़ उस...इससे पहले कि व्यक्ति प्यार की अनुभूति से आगे बढ़ उसकी अभिव्यक्ति कर पाए उसे खूंटे से बांध देना, सच तो है, विशेषकर कई स्थानों की संस्कृति ही है किन्तु असह्य सा सच है.असहज हो गई.<br />यूँ मन का कुनमुनाना और जीवन से समझौते करना ही क्या जीवन मानते हैं?<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-3780944257044476912011-09-05T11:39:26.295-07:002011-09-05T11:39:26.295-07:00आखिर तक आते-आते कितना कुछ कह गई। कई बार प्रेम अभिव...आखिर तक आते-आते कितना कुछ कह गई। कई बार प्रेम अभिव्यक्त नहीं हो पाता और परिस्थितियों के समक्ष झुकना पड़ता है। फिर भी निर्णय सही था, किशोर भी अच्छा लड़का है। और इस बार कहानी पढ़कर कुछ अच्छे-अच्छे शब्द और भावों से सराबोर खूबसूरत वाक्य पढऩे को मिले। अहा! मजा आ गया।रवि धवनhttps://www.blogger.com/profile/04969011339464008866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-46976296076343553182011-09-03T02:30:47.554-07:002011-09-03T02:30:47.554-07:00बहुत संवेदनशील ...रबहुत संवेदनशील ...रamrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-30858687998702449272011-09-03T01:34:10.605-07:002011-09-03T01:34:10.605-07:00उच्च मध्यवर्ग की बिंदास लडकी का प्रभावशाली चित्रण....उच्च मध्यवर्ग की बिंदास लडकी का प्रभावशाली चित्रण... बहुत दिलचस्प कहानी .. सार्थक पोस्ट.....Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-19764291836615084892011-09-02T03:41:14.706-07:002011-09-02T03:41:14.706-07:00sabse pahle to thanks di..kahani ke form me gift d...sabse pahle to thanks di..kahani ke form me gift dene ka :)...poori kahani ek saath hi padhi..achchi lagi...par laga ki ye kisi khaas samajik ya aarthik parivesh ki ladki ka chitran nahi...navya jaise kirdar hum sab ke aas paas honge...na hi kahani mujhe kisi tarah ke anyaya ya tyaag ki kahani hi lagi...anyaya to tab hota yadi maa-baap pyar ke badle samajik bandhano ki baat karte ya tyaag hota gar kisi aur ke liye koi bhi kirdar apna pyar qurban kar deta...i think the story is more about the journey full of confusions, called LIFE...the title is very apt...an independent and intelligent girl of today can fight with the whole world for her rights...but the compexities of her own heart can often defeat her...a very realistic potrayal..shilpihttps://www.blogger.com/profile/16813193982515625756noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-23842507455795066642011-09-01T10:52:04.860-07:002011-09-01T10:52:04.860-07:00लम्बी लेकिन कसी हुई कहानी. लघु उपन्यासिका कहना ज़्...लम्बी लेकिन कसी हुई कहानी. लघु उपन्यासिका कहना ज़्यादा उचित होगा. नायिका का सौन्दर्य-वर्णन पढते हुए हठात ही शिवानी जी याद आईं. बहुत दिनों बाद नायिका के सौंदर्य का वर्णन पढने को मिला, वरना इधर नयी कहानियों में तो मुझे विद्रूपता ही ज़्यादा नज़र आती है.<br />कहानी का घटना क्रम और पात्रों की उपस्थिति ज़रूरत भर की थी.<br />लम्बी कहानियों की विडम्बना होती है कि वे सुगमता से शुरु होने के बाद पाठक को उलझाने लगतीं हैं लेकिन तुम्हारी कहानी ने कहीं भी उलझने नहीं दिया पाठक को, बधाई.<br />अस्पताल में चंद दिन साथ गुज़ारने भर को प्रेम कैसे माना जा सकता है? तुम्हारी नायिका ने भी नहीं माना. निश्चित रूप से ये महज आकर्षण था. बहुत सटीक और स्वाभाविक अन्त किया है तुमने कहानी का. यदि नायिका विद्रोह कर उन दोनों नायकों में से किसी एक के साथ शादी करती तो ये काल्पनिक , और फ़िल्मी लग सकता था.<br />शानदार रचना-सृजन के लिये अशेष बधाइयां. ऐसे ही लिखती रहो.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-57176906960625270702011-08-31T21:33:48.145-07:002011-08-31T21:33:48.145-07:00अरे !! ये क्या हो गया कहानी मे ?? वैसे interesting...अरे !! ये क्या हो गया कहानी मे ?? वैसे interesting थी ,पर कुछः missing लगता रहेगा।mamtahttps://www.blogger.com/profile/10767198205312070778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-69045667873574374302011-08-30T23:25:24.208-07:002011-08-30T23:25:24.208-07:00अंत तक बांधे रही यह कहानी..
और अंत सही था या गलत, ...अंत तक बांधे रही यह कहानी..<br />और अंत सही था या गलत, यह सोचना तो बहुत मुश्किल है..<br />जो हुआ वो सही था या नहीं, यह भी बताना मुश्किल ही है..Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-67217661662313240122011-08-30T22:46:29.374-07:002011-08-30T22:46:29.374-07:00प्रभाव छोडती कहानीप्रभाव छोडती कहानीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-26867206821307129302011-08-30T21:04:53.895-07:002011-08-30T21:04:53.895-07:00बहुत देरी से आया यहाँ, इसे पूरा पढ़ने की ज़रूरत हैबहुत देरी से आया यहाँ, इसे पूरा पढ़ने की ज़रूरत हैwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-72716452475770445522011-08-30T17:26:56.385-07:002011-08-30T17:26:56.385-07:00उलझन की घडी तो थी नव्या के लिए, जब कुछ कहा सुना ही...उलझन की घडी तो थी नव्या के लिए, जब कुछ कहा सुना ही नहीं गया , तो कोई बात कैसे कही समझी जा सकती , और फिर यहाँ तो दोराहा नहीं , तिराहा था :)<br />वास्तव में पसंद और प्यार , दोनों बहुत मिलती जुलती सी भावनाएं हैं , पसंद बहुत लोंग हो सकते हैं , मगर प्यार सबसे नहीं होता है ...जीवन के सफ़र में हम बहुत से ऐसे लोगों से मिलते हैं जिनसे हम विभिन्न वजहों से आकर्षित होते हैं , सभी हमारे जीवन में शामिल नहीं हो सकते ! जो जीवन साथी बन गया , वही सत्य है, बाकी सब मिथ्या!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-21587658841475023462011-08-30T11:01:30.516-07:002011-08-30T11:01:30.516-07:00कहानी बहुत रोचक रही...समीर बाबू की किस्मत...बेचारे...कहानी बहुत रोचक रही...समीर बाबू की किस्मत...बेचारे, अब चुटकुला न सुनायें तो करें क्या? :)<br /><br /><br />आनन्द आ गया कहानी में.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-21484443035057628642011-08-30T10:13:08.270-07:002011-08-30T10:13:08.270-07:00कहानी की समीक्षा रह गई थी, इसलिए दुबारा आपको कष्ट ...कहानी की समीक्षा रह गई थी, इसलिए दुबारा आपको कष्ट देने आया हूं (क्या कहा कष्ट किस बात का ... मोडरेशन जो लगा रखा होगा तो ..)<br />आपकी काहानी पढ़ते वक़्त पाठक को हर पल ऐसा लगता है कि यह तो हमारे बीच की ही कोई कहानी है। आपने भारतीय परिवेश व मानसिकता को बड़े ख़ूबसूरत और संतुलित रूप से पन्ने पर उतारा है।<br />एक दम सहज और बिना किसी आवेग के चलती यह लम्बी कहानी अंततः अपने पाठक को एक अलग अंत और आवेग सौंपती है जिसके स्पंदन से पाठक बच नहीं पाता। मन ही मन सोचता है कि ऐसा क्यूं हुआ, और ऐसा कब तक होते रहेगा?मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-17547638176300729882011-08-30T09:35:53.308-07:002011-08-30T09:35:53.308-07:00रिश्ते... धागों में उलझे , फिर एक धागा अलग , बाकी ...रिश्ते... धागों में उलझे , फिर एक धागा अलग , बाकी .... मन की सीमा रेखा , मन तोड़ने लगता हैरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-17562032823286748662011-08-30T07:57:09.696-07:002011-08-30T07:57:09.696-07:00@साधना जी,
जैसा कि पहले भी कहा...आप बहुत सारगर्भ...@साधना जी, <br /><br />जैसा कि पहले भी कहा...आप बहुत सारगर्भित टिप्पणियाँ देती हैं....आपकी टिप्पणियाँ देखकर ही पता चलता है...किसी आलेख/कहानी पर प्रतिक्रिया देना भी एक कला है...{जो मुझमे तो बिलकुल नहीं है..:( } <br /><br />आपकी टिप्पणी आपने ही लिखे को समझने में मदद करती है....<br />आपकी पहली टिप्पणी अपनी जगह बिलकुल सही है....इतनी दृढ संकल्प वाली..अपने स्व-विवेक से काम करने वाली..अपना अच्छा-बुरा तय करने वाली लड़की..चाहे तो अपना भविष्य तय कर सकती है...पर क्यूँ चुपचाप सबकुछ स्वीकार कर लेती है ??<br /><br />पर ये कई लड़कियों के जीवन का एक सच भी है....वे प्रतिकार नहीं कर पातीं...अब स्थिति बदल रही है..पर केवल बड़े शहरों में....छोटे शहरों..गाँव-कस्बों में आज भी चाहे लड़की कितनी ही प्रतिभाशाली हो...माता-पिता को सिर्फ ये चिंता रहती है कि कैसे सुयोग्य वर ढूंढ, उसके हाथ पीले कर दें.<br /><br />अपने जीवन में कई बहुत ही विलक्षण प्रतिभा की धनी लड़कियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई...कैरियर भूल...ताजिंदगी सिर्फ घर संवारते देखा है.<br />शायद वही सब कहानी में उतर आता है...<br /><br />और यहाँ तो नाव्या को अपने ही मन की खबर नहीं थी...फिर उसकी कोई और क्या सहायता करता...:)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-71021585788665456632011-08-30T07:51:24.817-07:002011-08-30T07:51:24.817-07:00Oh! Kahanee kahan se kahan ghoom gayee!Oh! Kahanee kahan se kahan ghoom gayee!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-12545086578268127662011-08-30T07:30:35.745-07:002011-08-30T07:30:35.745-07:00इतनी सारी उलझनें और अंत ऐसा जो पाठक को पसंद आए या ...इतनी सारी उलझनें और अंत ऐसा जो पाठक को पसंद आए या न आये ... मगर यह इस क्लास की मुश्किलें हैं आदतें भी।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6953374982088960088.post-49114541780000599962011-08-30T07:02:54.034-07:002011-08-30T07:02:54.034-07:00कभी कभी ऐसी ही घटनायें जीवन को एक नया परिप्रेक्ष्य...कभी कभी ऐसी ही घटनायें जीवन को एक नया परिप्रेक्ष्य दे देती हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com